
1. विषैले कीड़े द्वारा काटने में फायदेमंद : बारिश में अक्सर लोगों को विषैले कीड़े काल लेते हैं लेकिन अगर कैथे का गुदा कीड़े द्वारा काटी गई जगह पर लगाने से बहुत फायदा होता है।
2. पित्त बढने से रोकने में फायदेमंद : कैथे का फल पित्त बढने से रोकने में मदद करता हैकैथे के गुदे को चीनी के साथ मिलाकर खाने से पित्त की अधिकता कम होती है।
3. पीलिया में फायदेमंद : कैथे के कोपले का रस निकलकर गाय के दूध में मिलाकर 50 ग्राम की मात्रा में दिन में एक बार पीने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है।
4. प्रदर में फायदेमंद : कैथ को प्रदर रोग के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है। कैथ के कोपल और बांस के कोपल को एक साथ पीसकर शहद के साथ सेवन करने से प्रदर रोग में बहुत लाभ मिलता है।
5. धातुदोष में फायदेमंद : कैथ की कोपलों का चूर्ण बना लें और चीनी मिले दूध के साथ मिलकर सेवन करें। इससे धातुदोष दूर हो जाता है और वीर्य बढ़ता है।
6. चूहा काटने में फायदेमंद : जब चूहा काट लेता है तो उसका जहर हमारे शरीर में फैलने लगता है। जब आपको चूहा काट ले तो कैथ के बीजों के तेल को कटे हुए स्थान पर लगाने से जहर उतर जाता है।
7. भूख न लगने पर फायदेमंद : कैथ के फलों का गूदा, सोंठ, कालीमिर्च, पीपल का चूर्ण, शहद और चीनी को मिलाकर रोज सेवन करने से भूख बढती है।
8. दस्त में फायदेमंद : कैथ के 3 ग्राम बीजों को भूनकर दस्त रोग से पीड़ित लोगों को देने से दस्त बंद हो जाते हैं। कैथ के फल का सेवन करने से दस्त रोग ठीक हो जाता है। आम और कैथ के कोमल पत्तों को पीसकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण तीन से छ: ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार पीना चाहिए। इससे बार-बार दस्त आने बंद हो जाएंगे।
9. मलेरिया को दूर रखने में फायदेमंद : थाई म्यांमार सीमा क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा कैथा की लुगदी को कॉस्मेटिक में घटक के रूप में उपयोग की जाती है। इस क्षेत्र को अक्सर डेंगू और मलेरिया से प्रभवित मन जाता है। अध्धयनों के मुताबिक गर्भावस्था में औरतों की त्वचा पर इसकी लुगदी पर रेपेलेंट के मिश्रण को लगाने से यह मलेरिया फ़ैलाने वाले मच्छरों से उनकी रक्षा करता है।
10. आँखों के रोगों के लिए फायदेमंद : कैथ के पत्तों और डंडी को पीसकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण शहद के साथ मिलाकर आँख में लगाने से आँखों से सभी रोग दूर हो जाते हैं।
11. गले के रोगों के लिए फायदेमंद : कैथ के पके हुए फलों के गूदे को खाने से गले के सभी रोग दूर हो जाते हैं।
12. पेट दर्द में फायदेमंद : कैथ का गोंद 120 से 240 मिलीग्राम की मात्रा में पिने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है।
13. पेचिश में फायदेमंद : 80 ग्राम कैथ के फलों का गूदा, 60 ग्राम शर्करा, अनारदाना, इमली, बेलगिरी, धाय के फूल, अजमोद और छोटी पीपल 3-3 ग्राम, कालीमिर्च, जीरा, धनिया, पिपलमूल, काला नमक अजवायन, दालचीनी, इलायची के बीज, तेजपात, नागकेशर, चित्रमूल और सोंठ एक-एक ग्राम लें। इन सभी को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण रोज सुबह शाम पेचिश क्व रोगी को देने से रोग ठीक हो जाता है।
To Know More Details : कैथा-Kaitha In Hindi
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