सीताफल खाने के फायदे-Health Benefits of Sharifa In Hindi



1. गर्भाशय में फायदेमंद : सीताफल गर्भावस्था में बहुत अधिक फायदेमंद होता है क्योंकि सीताफल गर्भ में पल रहे भ्रूण मस्तिष्क , स्नायुओं की प्रणाली और प्रतिरोधक प्रणाली के विकास में मदद करता है। गर्भावस्था में सीताफल खाने से गर्भस्त्राव की समस्या कम हो जाती है और बच्चे के जन्म के दौरान लेबर का दर्द भी कम होता है।

बहुत से लोग सीताफल को गर्भावस्था के समय का एक बहुत ही चमत्कारी फल भी मानते हैं जो मॉर्निंग सिकनेस , मतली , चिड़चिडेपन और स्वभाव में अचानक परिवर्तन की समस्या से लड़ने में सहायक होता है। सीताफल बच्चे के जन्म के बाद माँ के स्तनों में दूध का अधिक उत्पादन करने में भी सक्षम साबित होता है। सीताफल गर्भावस्था के समय होने वाले मूड़ स्विंग , मॉर्निंग सिकनेस और अकडन से राहत दिलाने में मदद करता है।

2. गठिया में फायदेमंद : सीताफल की पत्तियों के काढ़े का प्रयोग गठिया की समस्या में बहुत ही लाभदायक होता है। यह एसिड को कम करके शरीर में जल संतुलन को बनाए रखता है जिससे दर्द कम हो जाता है। सीताफल में मैग्निशियम होता है जिसकी वजह से शरीर में सामान्य तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाईट को संतुलित बनाए रखता है।

सीताफल गठिया और गठिया की वजह से होने वाली सूजन में बहुत फायदेमंद होता है। सीताफल इस प्रकार के जोड़ों में होने वाले अम्ल को हटा देता है क्योंकि यही अम्ल गठिया का मुख्य कारण होता है। अनुसंधान से हमें पता चला है कि सीताफल की पत्तियों का काढ़ा रूमेटिक गठिया रोग में लाभदायक होता है।

3. जूं में फायदेमंद : जब हमारे सिर में जुएँ हो जाती हैं तो वे हमारे आधे पौष्टिक तत्व ले जाती हैं। अधिकतर जुएँ बच्चों के सिरों में होती हैं। सीताफल पाउडर का प्रयोग जूं को खत्म करने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। इसको नारियल तेल और पानी के साथ सीताफल मिलाकर पेस्ट बनाना चाहिए। इस पेस्ट को सिर पर लगाकर 10 से 15 मिनट तक लगाकर रखें।

इससे जूं नष्ट हो जाएँगी। अगर आप कोई आसान तरीका चाहते हैं तो सीताफल के बीजों को पानी के साथ पीसकर लेप बना लें। रात के समय इस लेप को बालों में लगा लें और सुबह होते ही इसे धो लें। दो-तीन दिन ऐसा करने से सिर की सभी जुएँ मर जाती हैं। इस लेप को लगाते समय कोई बंध आँख में नहीं जानी चाहिए।

4. कमजोरी में फायदेमंद : कई लोग आज के व्यस्त समय में काम के प्रेशर से थके , हारे और हताश रहते हैं जिसकी वजह से उन्हें दिन-रात का कुछ पता नहीं होता है। सीताफल से कमजोरी की परेशानी को दूर किया जा सकता है। सीताफल एक एनर्जी का अच्छा स्त्रोत होता है और इसका सेवन करने से थकावट और मसल्स अथार्त मांसपेशियों की कमजोरी आपको जरा भी महसूस नहीं होगी। सीताफल का सेवन करने से शरीर को एक नई उर्जा मिलती है जिससे शरीर की थकावट , हड्डियों की कमजोरी , मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

5. फोड़े-फुंसी में फायदेमंद : सीताफल फोड़े-फुंसी में बहुत लाभदायक होता है। सीताफल के वृक्ष की छाल को घिसकर फोड़े-फुंसी पर लगाने से जीवाणुओं के संक्रमण की आशंका दूर होती है। सीताफल के पत्ते पीसकर फोड़े-फुंसियों पर बांधने से वे जल्दी पककर फूट जाती है। सीताफल के पत्तों को पीसकर सेंधा नमक मिलाकर फोड़े वाली जगह पर लगाने की वजह से जीवाणु नष्ट हो जाते हैं।

6. अतिसार में फायदेमंद : सीताफल के पेड़ की जड़ को छाया में सुखाकर कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर रखें। इस चूर्ण को उन्माद रोगी को खिलने से अतिसार के साथ-साथ उन्माद विकृति का निष्कासन होता है। सीताफल डीएसटी और प्रवाहिका में भी बहुत अधिक फायदेमंद होता है। सीताफल को कच्चा काटकर सुखा ले और पीसकर रोगी को खिलाएं इससे दस्त की समस्या ठीक हो जाएगी।

7. वजन बढ़ाने में फायदेमंद : सीताफल कमजोर लोगों के लिए वजन बढ़ाने का एक बहुत ही आसान तरीका होता है। सीताफल उन लोगों के लिए बहुत ही अच्छा फल होता है जो लोग वजन बढ़ाने के इच्छुक होते हैं। शहद और सरीफा का मिश्रण आवश्यक वजन और आवश्यक कैलोरी को जोड़ने में बहुत मदद करता है।

8. ब्लड प्रेशर में फायदेमंद : सीताफल में सोडियम , मैग्नीशियम और पोटेशियम संतुलित मात्रा में होते हैं जिससे खून के बहाव यानि ब्लड प्रेशर में अचानक होने वाले बदलाव को भी नियंत्रित करता है। ब्लड प्रेशर के स्तर में उतार-चढ़ाव वाले लोगों के लिए सीताफल उन्हें नियंत्रण में रखने के लिए मदद करता है। सीताफल में मैग्नीशियम जैसे खनिज पदार्थ होते हैं जो दिल की सुरक्षा करने और मांसपेशियों को आराम देने में भी मदद करता है। सीताफल से हमारा रक्त परिसंचरण सुचारू रूप से काम करता है।

9. दमा में फायदेमंद : सीताफल दमा के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सीताफल में विटामिन बी6 जैसे पोषक तत्व होने की वजह से ब्रोन्कियल सूजन और दमा के हमलों को रोकने में मदद मिलती है।

10. डिप्रेशन में फायदेमंद : सीताफल विटामिन बी कॉम्प्लेक्स से भरपूर होता है जिसकी मदद से मस्तिष्क के GABA न्यूरॉन केमिकल्स नियंत्रित होते हैं। सीताफल मस्तिष्क को ठंडा रखता है और तनाव , चिंता तथा चिडचिडेपन को दूर करता है।

To Know More Details : सीताफल-Sharifa In Hindi

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